प्रकाश चंडालिया
महाराष्ट्र में उत्तर भारत , खासकर यूपी और बिहार के निर्दोष नौजवान बेरोजगारों और टैक्सी ड्राईवर को राज ठाकरे के गुंडों द्वारा निर्दयता से पीटे जाने की घटनाएँ अब आए दिन का समाचार बन चुकी हैं। गुंडई के लिए मशहूर मुंबई में राज ठाकरे आज का गुंडा नम्बर वन हो सकता है, लेकिन राजनीतिक समझ रखने वाले जानते हैं कईऐसे गुंडे ही एक दिन मुख्यमंत्री कि कुर्सी पर बैठ सकते हैं। बहरहाल आज कि तारीख में जो राज ठाकरे कर रहें हैं, यह उनकी राजनैतिक मार्केटिंग या ब्रांडिंग हो रही है, लेकिन कांग्रेस कि चुप्पी समझ नही आ रही। समूचे कांग्रेस कर्मी क्या सोनिया माता के दरबार में सत्संग कर रहे हैं ? रविवार १९ अक्टूबर की वर्द्दत परबिहार के तथाकथित मसीहाई तेवर वाले नेता लालू प्रसाद और राम विलास पासवान केवल ठाकरे के ख़िलाफ़ नाक भौं सिकोड़ते रहे। पर एक बार भी दोनों ने केन्द्र को नही कोसा। वाह भाई , गजब चिंता है गरीब नौजवानों की। दोनों नेताओं में जरा भी जमीर बची है तो तुंरत केन्द्र पर दबाव डलवा कर राज को गिरफ्तार करवाएं या सोनिया माता के १० जनपथ स्थित मन्दिर में शिर्शाशन करना छोड़ कर अपने मंत्री पद से इस्तीफा दें।कहीं ऐसा तो नही की कांग्रेस ख़ुद ही ठाकरे को बढावा दे रही हो। शिवसेना को ख़तम करने के लिए राज को बढावा देना, कांग्रेस की सोची समझी चाल हो सकती है। बांटो और राज करो कांग्रेस की पुराणी नीति रही है। एक प्रतिष्ठित रचनाकार की पंक्तियाँ पेश हैं-
सियासत के तूफ़ान में हैं तिनके की तरह
उनकी मजबूरी समझता हूँ उनपे खफा होते हुए
The worldwide economic crisis and Brexit
7 years ago
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